सोमवार, 2 जून 2025 को भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई, जहां बीएसई सेंसेक्स 700 अंकों से अधिक गिर गया और एनएसई निफ्टी 24,600 के नीचे आ गया। इस गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक व्यापार तनाव, विशेष रूप से अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा, और आईटी एवं मेटल सेक्टर में बिकवाली रहा।
बाजार गिरावट के प्रमुख कारण
1. अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने की घोषणा
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4 जून से स्टील और एल्युमिनियम पर आयात शुल्क को 50% तक बढ़ाने की घोषणा की, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ गया। इस कदम से भारतीय मेटल एक्सपोर्टर्स के लिए चिंता बढ़ी है। Reuters
2. आईटी और मेटल सेक्टर में बिकवाली
आईटी और मेटल सेक्टर में भारी बिकवाली देखी गई। निफ्टी मेटल इंडेक्स में लगभग 0.7% की गिरावट आई, जबकि आईटी स्टॉक्स में 1% की गिरावट दर्ज की गई। एम्फैसिस के शेयर 3.1% गिर गए, क्योंकि कंपनी ने अपने प्रमुख ग्राहक FedEx को खो दिया। Reuters
3. वैश्विक बाजारों से कमजोर संकेत
एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखी गई, जैसे जापान का टॉपिक्स 0.9% और हांगकांग का हैंग सेंग 1.1% गिरा। इससे भारतीय बाजारों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा। Reuters
4. अमेरिकी आर्थिक डेटा की प्रतीक्षा
निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आगामी टिप्पणी और रोजगार डेटा की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिससे वैश्विक आर्थिक नीतियों पर प्रभाव पड़ सकता है। The Economic Times
5. रूस-यूक्रेन संघर्ष
रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष ने वैश्विक स्थिरता पर जोखिम बढ़ा दिया है, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है।
बाजार पर प्रभाव और सेक्टोरल मूवमेंट्स
- बेंचमार्क इंडेक्स: बीएसई सेंसेक्स 700 अंकों से अधिक गिर गया, जबकि एनएसई निफ्टी 24,600 के नीचे आ गया, जो हाल के हफ्तों में सबसे बड़ी एकल-दिन की गिरावट में से एक है। The Economic Times
- सेक्टोरल मूवमेंट्स: अधिकांश सेक्टर लाल निशान में रहे, लेकिन एफएमसीजी सेक्टर ने मजबूती दिखाई, जहां गोदरेज कंज्यूमर और ब्रिटानिया के शेयर क्रमशः 5% और 3% बढ़े।
- व्यक्तिगत स्टॉक्स का प्रदर्शन:
- एम्फैसिस: FedEx को खोने के बाद 3.1% गिरावट।
- नीवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस: डिस्काउंटेड ब्लॉक ट्रेड के बाद 11% गिरावट।
- अपोलो हॉस्पिटल्स: Q4FY25 में 53.5% साल-दर-साल शुद्ध लाभ वृद्धि के बाद शेयरों में बढ़त।
- एम्फैसिस: FedEx को खोने के बाद 3.1% गिरावट।
निवेशक दृष्टिकोण और भविष्य की संभावनाएं
हालांकि वर्तमान में बाजार में अस्थिरता है, लेकिन कुछ विश्लेषक भारतीय शेयर बाजार के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के प्रति आशावादी हैं। रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय स्टॉक्स के 2025 के अंत तक नए उच्च स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो विदेशी निवेश और आर्थिक विकास द्वारा संचालित होंगे, हालांकि उच्च मूल्यांकन और संभावित निकट-कालिक सुधारों की चिंताएं बनी हुई हैं।
निवेशकों को वैश्विक आर्थिक विकास के बारे में सूचित रहने और वर्तमान बाजार वातावरण में निवेश निर्णय लेते समय सेक्टोरल डायनामिक्स पर विचार करने की सलाह दी जाती है।

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