भारी गिरावट के साथ बाजारों में हाहाकार
इस साल के ब्लैक फ्राइडे पर भारतीय शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स (Sensex) 900 अंक से ज्यादा गिर गया, जबकि निफ्टी 50 करीब 1% लुढ़क गया। इस गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ और लगभग सभी सेक्टर्स में बिकवाली का माहौल बन गया।
मिडिल ईस्ट में बढ़ता तनाव बना बड़ी वजह
मिडिल ईस्ट में तनाव के चलते वैश्विक बाजारों में डर का माहौल बना हुआ है। संभावित युद्ध और सप्लाई चेन में रुकावट की आशंका ने निवेशकों को डरा दिया। क्रूड ऑयल के दाम बढ़ने से महंगाई की चिंता भी बढ़ गई। इन कारणों से विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से पैसा निकालना शुरू कर दिया।
बड़ी कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा गिरे
ब्लू चिप कंपनियों को भी तगड़ा झटका लगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील, और एचडीएफसी बैंक जैसे स्टॉक्स में भारी गिरावट दर्ज की गई। बैंक निफ्टी भी 400 अंक से ज्यादा टूट गया, जिससे बैंकिंग सेक्टर पर दबाव दिखा।
दिन के टॉप लूज़र्स
- रिलायंस इंडस्ट्रीज: -2.5%
- टाटा मोटर्स: -3.1%
- एचडीएफसी बैंक: -1.9%
- इन्फोसिस: -2.3%
- आईसीआईसीआई बैंक: -1.6%
निवेशकों का भरोसा हिला
बाजार में नकारात्मक सेंटीमेंट हावी रहा। रिटेल निवेशकों ने भारी मात्रा में शेयर बेचने शुरू कर दिए। विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट अनिश्चितता और डर की वजह से हुई।
विदेशी निवेशकों ने की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने ₹3,200 करोड़ से ज्यादा की बिकवाली की। इससे बाजार पर और दबाव बना। अमेरिकी बांड यील्ड और मजबूत डॉलर ने भी भारत से पूंजी निकासी को तेज किया।
क्रूड की कीमतों में उछाल से बढ़ी चिंता
क्रूड ऑयल की कीमतों में 4% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई। भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए यह चिंता की बात है। इससे महंगाई और चालू खाता घाटा दोनों पर असर पड़ेगा।
वोलैटिलिटी इंडेक्स में जबरदस्त उछाल
इंडिया VIX, जो बाजार की अस्थिरता को मापता है, 8% से ज्यादा चढ़ गया। इससे साफ है कि बाजार में डर और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है।
तकनीकी चार्ट्स से भी कमजोरी के संकेत
टेक्निकल एनालिसिस के अनुसार, निफ्टी ने 22,000 का अहम सपोर्ट लेवल तोड़ दिया। अगर गिरावट जारी रही, तो अगला सपोर्ट 21,750 के पास हो सकता है। RSI और MACD जैसे इंडिकेटर अभी भी मंदी का संकेत दे रहे हैं।
वैश्विक बाजारों से भी मिले निगेटिव संकेत
एशिया और यूरोप के बाजारों में भी गिरावट दिखी। निक्केई, हैंग सैंग और FTSE सभी लाल निशान में बंद हुए। अमेरिकी बाजारों के फ्यूचर्स ने भी कमजोर शुरुआत के संकेत दिए हैं।
सेक्टर-वाइज गिरावट
आईटी और ऑटो सेक्टर में भारी बिकवाली
आईटी कंपनियां ग्लोबल डिमांड में कमजोरी के कारण दबाव में रहीं। ऑटो कंपनियों पर इनपुट कॉस्ट बढ़ने का असर पड़ा।
मेटल और रियल्टी सेक्टर भी फिसले
मेटल स्टॉक्स ग्लोबल डिमांड कमजोर होने की वजह से गिरे। वहीं, बॉन्ड यील्ड बढ़ने से रियल्टी सेक्टर में भी बिकवाली हुई।
अब निवेशकों को क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल सतर्क रहने का समय है। लंबी अवधि के निवेशकों को घबराकर बिकवाली नहीं करनी चाहिए। इंट्राडे ट्रेडर्स को तब तक दूर रहना चाहिए जब तक बाजार में स्पष्ट दिशा नहीं बनती।
सुरक्षित निवेश की ओर झुकाव
सोने की कीमतों में उछाल आया है क्योंकि निवेशक सुरक्षित विकल्प की ओर भागे। डॉलर मजबूत हुआ जिससे उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राएं, जैसे कि रुपया, कमजोर हो गईं।
विश्लेषकों की राय
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में भी अस्थिरता बनी रहेगी। अमेरिका से आने वाले आर्थिक आंकड़े, महंगाई दर और सेंट्रल बैंक की नीति निवेशकों के मूड को प्रभावित करेंगे।
ब्लैक फ्राइडे क्रैश से मुख्य सबक
- सेंसेक्स (Sensex) 900+ अंक टूटा; निफ्टी 22,000 से नीचे
- FIIs ने जमकर बिकवाली की
- क्रूड के बढ़ते दाम से महंगाई की चिंता
- वोलैटिलिटी हाई; रिटेल इनवेस्टर्स में डर
- टेक्निकल चार्ट्स गिरावट के संकेत दे रहे

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