शेयर बाजार में सही समय पर सही निर्णय लेना बहुत ज़रूरी होता है, खासकर जब आप निफ्टी फ्यूचर्स में ट्रेड करते हैं। ऐसे में ओपन इंटरेस्ट (OI) एक बहुत ही महत्वपूर्ण डेटा पॉइंट बन जाता है जो आपको बाजार की दिशा समझने में मदद कर सकता है।
ओपन इंटरेस्ट और प्राइस मूवमेंट को मिलाकर यदि आप विश्लेषण करते हैं, तो आप यह पहचान सकते हैं कि बाजार में तेजी है या मंदी। इस ब्लॉग में आप सीखेंगे कि कैसे एनएसई की वेबसाइट से OI डेटा को पढ़ें और उसका उपयोग करके निफ्टी फ्यूचर की ट्रेंड भविष्यवाणी करें।
ओपन इंटरेस्ट क्या होता है?
ओपन इंटरेस्ट (OI) वह संख्या है जो बताती है कि कितने फ्यूचर्स या ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स अभी भी खुले हैं यानी न तो बंद किए गए हैं और न ही सेटल हुए हैं।
उदाहरण के लिए, यदि एक ट्रेडर निफ्टी फ्यूचर का एक कॉन्ट्रैक्ट खरीदता है और दूसरा उसे बेचता है, तो OI में एक का इज़ाफा होता है। जब कोई पार्टी अपनी पोजीशन क्लोज करती है, तो OI घटता है।
OI यह बताता है कि किसी प्राइस मूवमेंट के पीछे कितनी भागीदारी है – यह जानकारी वॉल्यूम से नहीं मिलती।
निफ्टी की चाल समझने में OI कैसे मदद करता है?
बाजार में सिर्फ प्राइस और वॉल्यूम देखना काफी नहीं होता। OI यह जानकारी देता है कि किसी मूवमेंट के पीछे असल में कितने लोग पोजिशन लेकर जुड़े हुए हैं।
अगर निफ्टी का प्राइस बढ़ रहा है और OI भी बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है कि नए लोग खरीदारी कर रहे हैं, यानी तेजी का संकेत है। इसी तरह, OI का गिरना और प्राइस का गिरना मंदी का संकेत देता है।
इसलिए OI को हमेशा प्राइस मूवमेंट के साथ मिलाकर देखना चाहिए, तभी सही ट्रेंड का अंदाजा लगाया जा सकता है।
NSE से OI डेटा कैसे देखें?
एनएसई (NSE) की वेबसाइट से आप आसानी से निफ्टी फ्यूचर्स का ओपन इंटरेस्ट डेटा देख सकते हैं। नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करें:
- https://www.nseindia.com पर जाएं
- “Live Market” → “Equity Derivatives” → “Market Watch” पर क्लिक करें
- “Index Futures” सेक्शन में “Nifty” सिलेक्ट करें
- वहां आपको निम्नलिखित कॉलम्स दिखेंगे:
- Open Interest
- Change in OI
- % Change in OI
- Last Traded Price (LTP)
- Open Interest
आप इस डेटा को एक्सेल फाइल में डाउनलोड करके अपनी खुद की एनालिसिस भी कर सकते हैं।
प्राइस और OI को मिलाकर ट्रेंड कैसे पहचानें?
प्राइस और OI का कॉम्बिनेशन आपको बताएगा कि बाजार में किस तरह की चाल है। नीचे चार कॉमन सिचुएशन्स दी गई हैं:
प्राइस मूवमेंट | ओपन इंटरेस्ट | बाजार का संकेत |
प्राइस ↑ | OI ↑ | लॉन्ग बिल्डअप (तेजी) |
प्राइस ↓ | OI ↑ | शॉर्ट बिल्डअप (मंदी) |
प्राइस ↑ | OI ↓ | शॉर्ट कवरिंग (तेजी) |
प्राइस ↓ | OI ↓ | लॉन्ग अनवाइंडिंग (मंदी) |
लॉन्ग बिल्डअप
जब प्राइस और OI दोनों बढ़ते हैं, तो यह दर्शाता है कि ट्रेडर्स नई खरीदारी कर रहे हैं। यह ट्रेंड में तेजी का संकेत है।
शॉर्ट बिल्डअप
जब प्राइस गिर रहा हो और OI बढ़ रहा हो, तो ट्रेडर्स नई शॉर्ट पोजिशन ले रहे होते हैं। यह मंदी का संकेत है।
शॉर्ट कवरिंग
प्राइस बढ़ रहा हो लेकिन OI घट रहा हो – इसका मतलब ट्रेडर्स अपनी शॉर्ट पोजीशन बंद कर रहे हैं। यह तेजी का संकेत हो सकता है।
लॉन्ग अनवाइंडिंग
जब प्राइस और OI दोनों गिरते हैं, इसका मतलब है कि ट्रेडर्स अपनी खरीदारी की पोजीशन बंद कर रहे हैं – यह मंदी का संकेत है।
एक उदाहरण से समझें
मान लीजिए निफ्टी फ्यूचर 22,300 पर ट्रेड कर रहा है। उसी दिन इसका प्राइस बढ़कर 22,450 हो जाता है और OI में 5% की वृद्धि होती है।
इसका मतलब है कि बाजार में लॉन्ग बिल्डअप हो रहा है। नए खरीदार बाजार में आ रहे हैं, जो तेजी का संकेत है।
अगले दिन प्राइस गिरकर 22,250 हो जाता है और OI फिर से 6% बढ़ता है। अब इसका मतलब है कि शॉर्ट बिल्डअप हो रहा है – यानी बाजार में मंदी की संभावनाएं बढ़ रही हैं।
इस तरह आप रोज़ OI और प्राइस को मिलाकर बाजार की दिशा का अंदाजा लगा सकते हैं।
ऑप्शन चेन से अतिरिक्त कन्फर्मेशन लें
सिर्फ निफ्टी फ्यूचर के OI के अलावा, आप ऑप्शन चेन को भी देखें। इससे आपको सपोर्ट और रेजिस्टेंस का अंदाजा मिलेगा।
- सबसे ज्यादा Call OI जहां है = वह रेजिस्टेंस है
- सबसे ज्यादा Put OI जहां है = वह सपोर्ट है
अगर निफ्टी 22,400 पर है और:
- 22,500 पर सबसे ज्यादा Call OI है
- 22,000 पर सबसे ज्यादा Put OI है
तो यह रेंज बनती है 22,000 से 22,500 की। अगर प्राइस इस रेंज को तोड़ता है (जैसे 22,500 के ऊपर जाता है), और OI उसका सपोर्ट करता है, तो मजबूत मूवमेंट आ सकता है।
OI देखने के लिए टूल्स
अगर आप मैनुअली डेटा चेक नहीं करना चाहते, तो ये टूल्स आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं:
- Sensibull – लाइव OI एनालिसिस और चार्ट्स
- Quantsapp – OI हीटमैप और वॉल्यूम एनालिसिस
- Opstra – ऑप्शन स्ट्रेटेजी और ट्रेंड
- TradingView – OI इंडिकेटर के साथ चार्ट्स
ये टूल्स नए ट्रेडर्स के लिए भी OI समझना आसान बना देते हैं।
आम गलतियां जो ट्रेडर्स करते हैं
1. केवल OI पर भरोसा करना – OI को हमेशा प्राइस मूवमेंट के साथ देखें।
2. Expiry के हफ्ते में डेटा पर भरोसा करना – इस समय OI तेजी से घटता-बढ़ता है, जिससे भ्रम हो सकता है।
3. बहुत छोटे टाइमफ्रेम पर OI एनालिसिस करना – 5 मिनट या 15 मिनट का डेटा बहुत बार गलत दिशा दिखाता है।
4. खबरों को नजरअंदाज करना – RBI पॉलिसी, अंतरराष्ट्रीय घटनाएं आदि OI को कुछ समय के लिए अप्रासंगिक बना सकती हैं।
कुछ जरूरी टिप्स
- OI और प्राइस का डेली डेटा रिकॉर्ड करें
- टेक्निकल एनालिसिस जैसे मूविंग एवरेज, RSI के साथ मिलाकर OI देखें
- OI को अकेला ट्रिगर न मानें, यह आपकी स्ट्रेटेजी को सपोर्ट करने वाला डेटा है
- हर ट्रेड में स्टॉप लॉस ज़रूर लगाएं
निष्कर्ष
Open Interest एक बहुत ही महत्वपूर्ण संकेतक है जो आपको निफ्टी फ्यूचर के मूवमेंट का पूर्वानुमान लगाने में मदद कर सकता है। जब आप इसे प्राइस के साथ जोड़कर देखते हैं, तो यह आपकी ट्रेडिंग की सटीकता को बढ़ा देता है।
अगर आप रोजाना OI ट्रैक करना शुरू करें और कुछ दिनों तक इसका अभ्यास करें, तो आप खुद महसूस करेंगे कि आपका ट्रेडिंग डिसीजन और भी बेहतर हो गया है।

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