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इस्लामाबाद की बड़ी भूल? पाकिस्तान ने घरेलू क्रिप्टो (Crypto) बैन के बावजूद घोषित किया ‘स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिज़र्व’

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28 मई 2025 को पाकिस्तान ने अमेरिका के लास वेगास में आयोजित ‘Bitcoin 2025’ सम्मेलन में चौंकाने वाला ऐलान किया—देश अब एक राष्ट्रीय ‘स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिज़र्व’ बनाएगा। यह फैसला पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (Pakistan Crypto Council – PCC) के सीईओ और क्रिप्टो (Crypto) एवं ब्लॉकचेन मंत्री बिलाल बिन साकिब के नेतृत्व में लिया गया है।

यह घोषणा उस समय आई जब पाकिस्तान में घरेलू स्तर पर क्रिप्टो (Crypto) पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बावजूद सरकार ने साफ कर दिया है कि यह बिटकॉइन होल्डिंग दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है और इसे बेचा नहीं जाएगा।


नीति में 180 डिग्री का मोड़

अब तक पाकिस्तान का रुख क्रिप्टो (Crypto) को लेकर काफी सख्त रहा है। देश के केंद्रीय बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को क्रिप्टो (Crypto) से जुड़ी सेवाएं देने से साफ मना कर रखा था। इसके पीछे तर्क था—धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अस्थिरता का खतरा।

लेकिन वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो (Crypto) अपनाने की रफ्तार और पाकिस्तान में 1.5 से 2 करोड़ तक के अनुमानित यूजर्स को देखते हुए सरकार ने अपने रुख में बड़ा बदलाव किया है।

मार्च 2025 में सरकार ने Pakistan Crypto Council (PCC) का गठन किया, जिसका उद्देश्य देश में क्रिप्टो (Crypto) और ब्लॉकचेन तकनीक को बढ़ावा देना और उसे नियंत्रित करना है।


बिटकॉइन रिज़र्व: पाकिस्तान की नई आर्थिक रणनीति

पाकिस्तान की यह नई योजना सिर्फ दिखावे की नहीं, बल्कि आर्थिक मजबूती के लिए गंभीर प्रयास है। सरकार ने 2,000 मेगावाट बिजली बिटकॉइन माइनिंग और AI डेटा सेंटर्स के लिए निर्धारित की है, जिससे विदेशी निवेश को आकर्षित करने और देश की अर्थव्यवस्था को गति देने की उम्मीद की जा रही है।

बिलाल बिन साकिब ने कहा कि सरकार इस बिटकॉइन रिज़र्व को दीर्घकालिक संपत्ति के रूप में देख रही है और इसका कोई हिस्सा बेचा नहीं जाएगा। यह कदम अमेरिका जैसे देशों की नीति से मेल खाता है, जो अब अपने आर्थिक ढांचे में क्रिप्टो (Crypto) को शामिल कर रहे हैं।


घरेलू विरोधाभास और अंतरराष्ट्रीय असर

हालांकि यह फैसला दूरदर्शी लग सकता है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में कई घरेलू चुनौतियाँ हैं। क्रिप्टो (Crypto) पर लगे प्रतिबंध और नियामकीय ढांचे की कमी के कारण इस नीति को ज़मीन पर उतारना आसान नहीं होगा।

फिर भी PCC की स्थापना और सरकार की सक्रिय भूमिका इस ओर इशारा करती है कि अब पाकिस्तान स्पष्ट और प्रभावी नियम बनाने के पक्ष में है—जो नवाचार को बढ़ावा दे, लेकिन आर्थिक स्थिरता को भी बनाए रखे।

दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह कदम पाकिस्तान को उन देशों की श्रेणी में ला देता है जो डिजिटल एसेट्स को रणनीतिक निवेश के रूप में देख रहे हैं। यह सिर्फ आर्थिक लाभ नहीं, बल्कि भूराजनीतिक प्रभाव को भी दर्शाता है—जहां देश पारंपरिक वित्तीय प्रणालियों की निर्भरता से बाहर आना चाहते हैं।


निष्कर्ष

पाकिस्तान का ‘स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिज़र्व’ ऐलान देश की आर्थिक नीति में एक बड़ा बदलाव है। यह न सिर्फ पाकिस्तान की क्रिप्टो (Crypto) नीति का नया अध्याय है, बल्कि डिजिटल दुनिया में उसकी नई पहचान भी बन सकती है।

हालांकि रास्ता अभी आसान नहीं है—सख्त नियमों, पारदर्शिता और यूजर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करना अब सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी। यदि पाकिस्तान इस दिशा में मजबूती से आगे बढ़ता है, तो यह उसे डिजिटल इकोनॉमी में ग्लोबल लीडरशिप की दिशा में ले जा सकता है।